गिलटि बलतिस्तान जन्नत के टुकड़े से कम नहीं
गिलटि बलतिस्तान जो आजादी से पहले हिंदुस्तान का हिस्सा हुआ करता था
जिसे पाकिस्तान ने आजादी के बाद अपने कब्जे में कर लिया. जो काश्मीर से उत्तर
दिशा में है. जिसका कुल क्षेत्रफल 72,971 km है. यहां कुल आबादी लगभग 20,00000 है.
यहां बल्ती, शिना, वाखी, बुरुशास्की, खोवर, दोमाकी, उर्दु भाषा का उपयोग किया
जाता है. गिलगिट की सीमाए जम्मु काश्मीर, लदाख, एल ओ सी, और कोराकारम
बाॅर्डर जहां से चीन और पाकिस्तान का व्यापार होता है इन सब से मिलती हैं.
यहां के पत्थरों पर बौद्ध धर्म का कार्विंग किया हुआ स्तुप भी देखा जासकता है जो
2000 बी सी पुराना है. मांट एवरेस्ट के बाद सबसे उँची चोंटी केतु यहीं है.
कातिल पहाड़ के नाम से मशहुर नागा पर्वत भी यहीं है. यहां 50 के करीब एसी
चोंटियां मौजुद हैं जिसकी उँचाइ 23000 फुट है. कोहे कराकरम, मगरीबी हिमालया
भी शामिल हैं. दुनियां के तीन ग्लेशियर भी गिलगिट मे ही पाये जाते हैं जिनके नाम
बैफा ग्लेशियर, बल्तोर ग्लेशियर, और बतोरा ग्लेशियर भी शमिल है.
झीलें.
से बहती हैं. यहां पर मौसम भी लगभग 9 महिने सर्द रहती है.
मौसमः
सर्दियों मे यहां मौसम बहुत ठंडा होता है काश्मीर के तरह यहां भी बरफ बारी होती
है और ओस भी ज्यादा गिरती हैं यहां गर्मी मे भी 20 डिग्री से ज्यादा तापमान नहीं
रहता.
आबादीः
गिलगिट में 99 प्रतिशत लोग मुसल्मान हैं जिनमे ज्यादातर आबादी शीयत मुस्लिमों
की है. और यहां उर्दु को कौमी भाषा माना जाता है. और यहां के स्कुलों मेअंग्रेजी भी पढ़ाइ जाती है.
डेर्सटः
कोल्ड डेसर्ट भी यहां पाया जाता है जो कि गिलगिट को और भी खुबसुरत बनाता है
प्राकृतिक तौर पर.
लोग:
गिलगिट के लोग इखलाकी एतवार से बहुत ही मिलनसार होते हैं. पढ़ाइ पर यहां के
लोग खास ध्यान देते हैं.
खेलः
यहां के लोग बहुत सारी खेलें खेलते हैं लेकिन सबसे ज्यादा मशहुर पोलो खेल है यहां
पर पोलो के मैदान भी यहां बहुत हैं. हर साल पोलो टोर्नामेंट भी आयोजित किया जाता हैं.
टुरिज्मः
पाकिस्तान ने इस जगह को टुरिज्म के लिए डेवलप किया है. और दुनियां के कइ
मुल्कों से लोग यहां के वादी, पहाड़, झीलें, और मौसम का सैर करने आते हैं
कइ मुल्कों के लिए यहां वीजा ऑन अराइवल की सुविधा भी है.
0 comments:
Post a Comment